ईस्वर अहाँ अदभुत छि,
अहाँक रचना अदभुत अई,
कियो प्रहार करैया,
कियो सहैया,
कियो प्रतिकार करैया,
कियो चुप रहैया,
कियो देखैया,
कियो अन्देखि करैया,
कियो प्रेम,
कियो घृणा,
कियो सच,
कियो झूठ,
कियो धर्म,
कियो अधर्म,
.......
कतेक सुंदर अई,
जेकरा जाही लेल रचने छि,
से सैह टा करैया,
मुदा हमरा किएक,
एतेक बुरबक बनेलओं,
जे हम निष्कर्ष अहाँ में नै ढूढई छि ?
No comments:
Post a Comment