ठाढ़ छि
समयक-शेषनाग स बन्हैल छि
सत्य आ असत्यक बिच
मथनी जँका मथाई छि
मंदराचल जँका
तटस्थ
कच्छप पर
देवता दिश एक बेर
आ असुरक दिश एक बेर
खींचल जैत छि
अपने धुरी पर
पृथ्वी जँका
दिन आ राइत में बंटैल छि
Maithil Mithila Maithili...Maithili Kavita...... आउ मैथिली साहित्यक सृजन में सहभागी बनी.........pankajjha23[at]gmail.com